Deep Walks Deep Talks: Journeying from Kashmir to Kanyakumari Solo – Day 63
Date: 20th Dec, 2022
Hey there, incredible souls! Pradeep Bhatt here, cruising into my sixty-third day of this wild solo expedition, marching from Kashmir to Kanyakumari. Today was a total leg-day, covering the trail from Chitradurga to Hiriyur in Karnataka, and let me tell you, it was like walking through a painting.
#k2k #kashmirtokanyakumari #travelvlog #walkingchallenge #supportme
Imagine a big rainbow made of hashtags, that’s how diverse and colorful each state has been. So, let me break it down. Today, my feet partied on the roads from Chitradurga to Hiriyur, Karnataka. Yep, that’s right – sixty-three days of putting one foot in front of the other, and I’m still standing, well, walking!
From the snowy vibes of Jammu & Kashmir to the spicy flavors of Karnataka, I’ve seen it all. No, really. Haryana, Rajasthan, Madhya Pradesh, Maharashtra, and now Karnataka – check, check, check, check, and check! Each place brought its own groove, like a dance floor changing its rhythm every time I crossed a state border.
States Tackled: J&K, Punjab, Haryana, Rajasthan, MP, Maharashtra, and Karnataka.
Through bustling bazaars, quiet deserts, and chill villages, I’ve been blown away by the stories people share. The tales of triumph and troubles, it’s like I’m reading a storybook but living it.
Today was something special, trekking from Chitradurga to Hiriyur, and let me tell you, Karnataka didn’t disappoint. The landscapes were like a Bollywood set – from epic forts to peaceful Hiriyur vibes, my eyes were having a feast.
Life Lessons and Challenges: #solojourney #heartfeltstories
This journey is like a rollercoaster for the soul. I’ve battled crazy weather, met locals, shared laughs, and faced moments of quiet too. It’s not just about walking; it’s like a giant school trip where every step is a lesson and every challenge is a pop quiz. But guess what? I’m acing it!
To all of you out there, your cheers and messages are my superpower. This isn’t just my journey; it’s a big, fat Indian story of unity, diversity, and a whole lot of heart. So, to my Indian fam, thank you for being the backbone of this adventure.
For the Heart of India: #IndianHeart #CulturalJourney
This isn’t just a walk; it’s a friendly chat with India’s heartbeat. In every town and village, I feel the pulse of this country. Together, we’re stepping into the future – one where we’re all connected, one step at a time.
As I kick off my shoes for the night, I’m carrying a backpack full of memories and good vibes. Tomorrow, I’m off to Tamil Nadu, ready for the next chapter in this epic tale.
Stick around, keep chatting, because in the deep walks, there are even deeper talks.
With a heart full of gratitude,
Pradeep Bhatt
Chitradurga to Hiriyur, Karnataka
दीप सैर, गहरी बातें: कश्मीर से कन्याकुमारी तक का सफर – 63वां दिन
तारीख: २० दिसंबर, २०२२
नमस्ते यारो प्यारे! प्रदीप भट्ट बोल रहा हूँ, यहाँ से कश्मीर से कन्याकुमारी तक के अपने दीवानगी भरे एकल अभियान के ६३वें दिन की धूम मचा रहा हूँ! आज तो बस पैर ही पटक गए, चित्रदुर्ग से कर्नाटक के हिरियूर तक का रास्ता पार किया, और बताओ यार, ये तो मानो किसी पेंटिंग में से चल कर निकलने जैसा था.
सोचो एक बड़ा इंद्रधनुष जो हैशटैगों से बना हो, इतना विविधतापूर्ण और रंगीन हर राज्य रहा है. तो, आओ इसे थोड़ा खोल कर बताऊँ. आज मेरे पैरों ने कर्नाटक के चित्रदुर्ग से हिरियूर तक के रास्तों पर पार्टी की है. जी हाँ, बिल्कुल सही सुना – ६३ दिन एक पैर दूसरे के आगे रखने के, और मैं अब भी खड़ा हूँ, अच्छा चल भी रहा हूँ!
जम्मू और कश्मीर के बर्फीले नजारों से लेकर कर्नाटक के तीखे स्वादों तक, मैंने सब देखा है.จริงๆ. हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, और अब कर्नाटक – चेक, चेक, चेक, चेक, और चेक! हर जगह अपना ही एक अलग लय था, मानो राज्य की सीमा पार करते ही डांस फ्लोर की धुन बदल जाए.
पार किए हुए राज्य: जम्मू और कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, और कर्नाटक.
जोरदार बाजारों, शांत रेगिस्तानों और ठंडे गाँवों से गुजरते हुए, मैं उन कहानियों से दंग रह गया हूँ जो लोग साझा करते हैं. जीत और परेशानियों की कहानियाँ, ऐसा लगता है मैं कोई कहानी की किताब पढ़ रहा हूँ, लेकिन जी रहा हूँ.
आज का दिन कुछ खास था, चित्रदुर्ग से हिरियूर तक का ट्रेक, यार कर्नाटक ने निराश नहीं किया. ये परिदृश्य तो मानो बॉलीवुड के सेट की तरह थे – शानदार किलों से लेकर हिरियूर के शांत नजारों तक, मेरी आँखें दावत खा रही थीं.
ये सफर तो आत्मा के रोलरकोस्टर की तरह है. मैंने पागल मौसम से लड़ा है, स्थानीय लोगों से मिला है, हँसी साझा की है, और शांत के पल भी देखे हैं. ये सिर्फ चलने के बारे में नहीं है; ये एक बड़ा स्कूल ट्रिप जैसा है जहाँ हर कदम एक सबक है और हर चुनौती एक पॉप क्विज. लेकिन क्या बताऊँ? मैं इसे पास कर रहा हूँ!
ये सिर्फ टहलना नहीं है; यह भारत की धड़कन के साथ एक मित्रतापूर्ण बातचीत है. हर शहर और गाँव में, मैं इस देश की नब्ज़ को महसूस करता हूँ. साथ में, हम भविष्य की ओर कदम बढ़ा रहे हैं – एक ऐसा भविष्य जहाँ हम सब जुड़े हुए हैं, एक कदम एक समय में.
रात के लिए जैसे ही मैं अपने जूते उतारता हूँ, मैं यादों और खुशनुमा vibes से भरा बैग ढो रहा हूँ.