Day 70: From Shoolgiri to Krishnagiri – Strolling Through the Heart of India
Hey fam, it’s your man Pradeep Bhatt checking in on day 70 of my crazy adventure from Kashmir to Kanyakumari. Today was epic! I walked from Shoolgiri to Krishnagiri, soaking in all the vibes of Tamil Nadu. Let me spill the beans on how the day went down.
Date: 27th Dec, 2022
Covered Route: Shoolgiri to Krishnagiri, Tamil Nadu
Where I’m At: Krishnagiri, Tamil Nadu
So, let’s get real, this journey is like my daily rollercoaster. I’ve trekked through places like Jammu & Kashmir, Punjab, Haryana, Rajasthan, Madhya Pradesh, Maharashtra, Karnataka, and now I’m down south in Tamil Nadu. Phew, that’s a mouthful, right?
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Today’s walk was like a Bollywood movie – full of drama, some comedy, and definitely a dash of action. I strolled through Shoolgiri’s streets, met some awesome folks, and then continued my trek to Krishnagiri. It’s like India is giving me a grand tour, and I’m just soaking it all in.
#solotravel #wanderlust #explorationchronicles #footprints
Now, let’s talk about the date – 27th Dec, 2022. Yeah, it’s just a regular date on the calendar, but for me, it’s like a bookmark in the story of this epic journey. Imagine a travel diary, and this date is a chapter heading. Today’s chapter: “From Shoolgiri’s Hustle to Krishnagiri’s Charm.”
As I walked, I couldn’t help but notice the colors, sounds, and flavors changing. It’s like someone switched the channel from winter to summer, and I’m here for it! From snow-capped mountains to sunny landscapes – India, you beauty!
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Speaking of beauty, it’s not just in the landscapes. It’s in the smiles, the chai stops, the random conversations with strangers who feel like long-lost friends. Today’s lesson: India’s magic is in its people. Each step is a dance, and I’m just grooving through this beautiful tapestry of cultures.
Now, let’s get mushy for a moment. Huge shoutout to my Indian fam – you guys are the real MVPs! Your messages, your likes, your comments – they keep me going. This isn’t just my journey; it’s OUR journey. Together, we’re painting a canvas of experiences and emotions.
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As I strut into Krishnagiri, I can’t help but feel a sense of accomplishment. The finish line might be Kanyakumari, but the real victory is in the stories shared, the friendships formed, and the memories etched in my heart.
So, grab some popcorn, hit that subscribe button, and let’s keep this adventure rolling. From Shoolgiri to Krishnagiri, and soon to Kanyakumari – we’re on this wild ride together!
Catch you in the next episode,
Pradeep Bhatt
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दीप सैर, गहरी बातें: दिन 70 – शूल्गिरी से कृष्णागिरी – भारत के दिल में टहलते हुए
हे यारो! कश्मीर से कन्याकुमारी तक के अपने पागलपन भरे साहस के 70वें दिन, आपका ही प्रदीप भट्ट हाज़िर है! आज का दिन तो कमाल का था!
तारीख: 27 दिसंबर, 2022
तय किया रास्ता: शूल्गिरी से कृष्णागिरी, तमिलनाडु
मैं कहाँ हूँ: कृष्णागिरी, तमिलनाडु
तो, दोस्तों, सच कहूँ तो ये सफर मेरे लिए रोज़ का रोलरकोस्टर है. जम्मू और कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक पार कर अब मैं दक्षिण में तमिलनाडु पहुँच चुका हूँ. वाह, बड़ी सूची हो गई, ना?
आज का सफर तो एक बॉलिवुड फिल्म की तरह था – थोड़ा ड्रामा, थोड़ी कॉमेडी, और ज़रूर थोड़ा सा एक्शन. शूल्गिरी की गलियों में घूमता रहा, कुछ कमाल के लोगों से मिला, और फिर कृष्णागिरी की ओर बढ़ता रहा. ऐसा लगता है जैसे भारत मुझे एक शानदार सैर करा रहा है, और मैं बस मस्ती में सबकुछ देख-समझ रहा हूँ.
अब बात करते हैं तारीख की – 27 दिसंबर, 2022. हाँ, ये तो कैलेंडर की एक साधारण तारीख है, लेकिन मेरे लिए, ये इस महाकाव्य सफर की कहानी का एक बुकमार्क है. ज़रा एक ट्रैवल डायरी की कल्पना कीजिए, और ये तारीख एक अध्याय का शीर्षक है. आज का अध्याय: “शूल्गिरी की हलचल से कृष्णागिरी के आकर्षण तक.”
जैसे-जैसे मैं चलता गया, मैं रंग, आवाज़ और स्वाद बदलते हुए देख सकता था. ऐसा लगा जैसे किसी ने चैनल को सर्दियों से गर्मियों में बदल दिया हो, और मैं इसके लिए तैयार हूँ! बर्फीले पहाड़ों से लेकर रौशनी भरे परिदृश्य तक – भारत, तुम तो कमाल हो!
खूबसूरती की बात करें तो, ये सिर्फ नज़ारों में ही नहीं है. ये मुस्कानों में है, चाय के नशे में है, अजनबियों के साथ बेतरतीब बातचीत में है जो ऐसे लगते हैं मानो खोए हुए दोस्त मिल गए हों. आज का पाठ: भारत का जादू उसके लोगों में है. हर कदम एक नृत्य है, और मैं इस संस्कृतियों के खूबसूरत ताने-बाने के बीच बस थिरक रहा हूँ.
अब ज़रा भावुक हो जाएं. मेरे भारतीय परिवार को बड़ा हाय! आप लोग ही असली एमवीपी हैं! आपके संदेश, आपके लाइक, आपके कमेंट – वे मुझे आगे बढ़ाते हैं. ये सिर्फ मेरा सफर नहीं है; ये हमारा सफर है. साथ में, हम अनुभवों और भावनाओं का एक कैनवास बना रहे हैं.
कृष्णागिरी में प्रवेश करते ही, मैं उपलब्धि की एक अनुभूति महसूस कर रहा हूँ. फिनिश लाइन भले ही कन्याकुमारी हो, लेकिन असली जीत साझा की गई कहानियों में है, और मेरे दिल में बने यादों में है.